क्या स्वाद है जिंदगी में

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गुरुवार, 9 मार्च 2017

मालपुआ रबड़ी.....



मालपुआ रबड़ी
सामग्री -
 मालपुए के  लिए - एक कटोरी मैदा , आधा कटोरी दूध, दो हरी इलाईची .
चाशनी - एक कटोरी चीनी , आधा कटोरी पानी , केसर के दो पत्तियां...
रबडी - एक लीटर  दूध , एक चुटकी केसर , इलाईची ,एक छोटी चम्मच  चिरौंजीऔर  बादाम -पिस्ता  की कतरन...
एक कटोरी मैदे को आधा कटोरी दूध में घोलें. पुए बनाने से पहले कम से कम एक घंटा  पहले घोल कर रखें.
रबडी के लिये एक लीटर दूध को गाढा करें . मलाई को किनारे करते जायें. पर्याप्त गाढा होने पर 250 ग्राम चीनी डालें. चम्मच से चलाते रहें ताकि चिपके नहीं. इलाइची का चुर्ण डालें. दो पट्टी  केसर के दूध में मिलाकर डालें .  पुए बनने तक एक तरफ़ रख दें. रबडी को अपनी इच्छानुसार गाढा या  पतला रखें.
एक तरफ़ चीनी की एक तार की चाशनी बनायें. इसके लिये एक कटोरी चीनी को आधी कटोरी पानी डालकर चाशनी बनने तक पकायें. चाशनी बनाने के बीच में चुटकी भर केसर पानी में घोल कर मिलायें. पुए बनाते समय चाशनी को बिल्कुल कम आंच पर रखें.

एक तरफ़ गैस पर चौडे पेन्दी वाला पैन रखें. इसके लिये विशेष आकार की कडाही /पैन लिया जाता है जिसका पेन्दा समतल हो. राजस्थान में इसे तई कहा जाता है. नहीं तो डोसा बनाने वाले  नॉन स्टिक तवे को भी काम में लिया जा सकता है.  मैदे के घोल को चम्मच से अच्छी तरह मिलायें. गर्म तवे को घी से चिकना करें. एक छोटी चम्मच में घोल लेकर तवे पर फैलायें. इनका आकार छोटा ही रखा जाता है. पलटे की सहायता से दोनों ओर से हलके हाथ से दबाकर सेकें. किनारों पर घी छोड़ते जायें.  एक  बार में तीन चार पुए आराम से बन सकते हैं. इन्हें तवे से उतार कर चाश्नी में डालें. पैन पर दुबारा चम्मच से घोल डाल कर पुए बनाए.  चाशनी से पुए निकालकर कुछ देर जालीदार चम्मच पर रखें ताकि अतिरिक्त चाशनी निकल जाये.
एक प्लेट में सभी पुओ को रख लें. परोसते समय एक चम्मच रबडी पुए के बीच में रखें. पिस्ता, चिरौंजी और बादाम की कतरन से सजायें.
रबडी को परोसने के समय ही डालना है वरना पुए का कुरकुरापन कम हो जायेगा.

यदि रबडी पतली रखनी हो तो पुए को रबड़ी में डिप कर के परोसें. यदि गाढ़ी  पसंद है तो पुए पर उपर से डालें.



गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

बाजरे का खीचड़ा




बाजरे का खीचड़ा-

बाजरा को अच्छी तरह धोकर साफ करें और बस बाजरा गीला होने जितने पानी में दो घंटे भिगो दें. पानी से निकालकर कपड़े पर फैला दें ताकि पूरा पानी निकल जाये. अब नम बाजरे को 2 मिनट ओखली में कूटें जिससे बाजरे का छिलका निकल जाये. बाजरे को ओखली से निकालकर  फटक कर छिलका अलग करें. एक बार फिर से यह प्रक्रिया दुहरायें. अब बचे बाजरे को दरदरा कूट लें.
चँवले की दाल और चावल को भिगो कर रखें. (साबुत चँवला भी ले सकते हैं)
भारी तले के भगोने में पानी उबलने रखें. उबाल आने पर बाजरा, दाल और चावल डालकर चम्मच से हिलायें. स्वादानुसार नमक डालें.आँच को संतुलित रखते हुए पकाएं. इसका ध्यान रखना आवश्यक है  क्योंकि खीचड़ा बनते समय पानी
 तेजी से उफनता है. पूरा पकने की स्थिति में खिचड़े से तीव्र बुलबुले उठते हैं. सावधानी रखें.
मात्रानुसार आधे से एक घंटे का समय पकने में लगता है.  पकाने के लिए पूरी सामग्री का दुगुना पानी लें. यदि पानी कम लगे तब उसमें उपर से गरम पानी मिलाएं.
गरम गरम खीचड़ा थाली में लेकर बीच में गड्ढा सा कर घी डालें व गुड़ के साथ भोग लगायें.
कुछ लोग घी की बजाय शुद्ध तिल का तेल डालना पसंद करते हैं. देसी तरीका भी यही है. कुछ लोग गरम खीचड़ा दूध के साथ भी खाना पसंद करते हैं. ऐसी स्थिति में पकते समय नमक न डालें.
भीषण ठंड के समय रात के खाने में यह संपूर्ण भोजन है. रात में बना हुआ खीचड़ा दूसरे दिन सुबह छाछ में मिलाकर कच्चे प्याज के टुकड़े डाल कर खाने पर बहुत स्वादिष्ट लगता है.