क्या स्वाद है जिंदगी में

क्या स्वाद है जिंदगी में
क्या स्वाद है जिंदगी में

शुक्रवार, 22 सितंबर 2017









कलकत्ता चाट भंडार- जयपुर में कार्यरत शायद ही कोई सरकारी कर्मचारी (क्योंकि यह चाट भंडार ऐसे स्थान पर है जहाँ अधिकांश सरकारी विभागों के भवन हैं) होगा जिसने यहाँ चटखारे लेकर स्वाद न लिया या इसके बारे में जानता नहीं....


आँच से उतरते मूँग की दाल के गरम चिल्लों(चिलड़ा, पैनकेक) के साथ उतनी ही तीखे स्वाद की लहसुन की चटनी, धनिया/पुदीने की हरी चटनी, इमली गुड़ की सोंठ वाली चटनी, चटपटे काले चने, मीठा और नमकीन दही मिलकर चटपटी चाट जैसा जो जायका देते हैं, स्वाद के शौकीनों को बार बार आने पर विवश करते हैं....
इनके प्रशंसक स्वाद के मारे लोगों का आलम यह है कि कई बार एक- एक घंटे तक अपनी बारी का इंतजार करते हैं...
हमने भी ठानी घर पर ही इस स्वाद को आजमाने की....

मूँग की धुली दाल को रात में भिगोया....सुबह हरी मिर्च, अदरक डालकर पीस लिया....नमक डालकर आधा  घंटे के लिए रख दिया .  (तुरंत पीस कर भी बना सकते हैं. बस घोल को अच्छी तरह फेंटना है और डोसे के घोल की तरह न ज्यादा गाढ़ा, न ज्यादा पतला रखना है )
हींग,कटा धनिया,  मिलाकर अच्छी तरह फेंटा . खूब गरम तवे पर चिकनाई लगाकर घोल को गोल आकार में फैलाकर उपर से बारीक कटे टमाटर, प्याज,हरी मिर्च डाले. सिकने पर सावधानी से पलटा और दूसरी तरफ से भी अच्छी तरह सेक लिया. गरमागरम चिल्लों के  साथ बना हरी चटनी, लहसुन की तीखी चटनी ,इमली गुड़ की खट्टी मीठी चटनी और दही के साथ लाज़वाब स्वाद का आनंद लिया....चटपटे चने नहीं बनाये मैंने मगर यह स्वाद भी कम नहीं था....
तो जब भी जयपुर के सरकारी कार्यालयों, सचिवालय, हाई कोर्ट आदि में किसी कार्य से आना हो तो कलकत्ता चाट भंडार का स्वाद लेना न भूलें....
और वहाँ आना या जाना न हो सके तो घर पर ही बनायें, खायें और खिलायें भी....






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